आदिवासी संस्कृति हमारी छत्तीसगढ़ की अनमोल धरोहर है : चंद्रशेखर साहू

आदिवासी संस्कृति हमारी छत्तीसगढ़ की अनमोल धरोहर है : चंद्रशेखर साहू

गरियाबंद :- विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त के अवसर पर क्षेत्र के समीपस्थ ग्राम सुरसाबाँधा में ध्रुव गोंड़ आदिवासी समाज पांचपाली के तत्वावधान में विश्व आदिवासी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू मौजूद रहे वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता आदिवासी ध्रुव गोंड़ समाज के अध्यक्ष डोमारसिंह ध्रुव, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपसरपंच गौतम साहू, ग्रामीण कृषि विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष एसकुमार साहू, आदिवासी समाज के सचिव लीलाराम ध्रुव, कोषाध्यक्ष रामजी ध्रुव, ग्रामीण पंच भूषणलाल ध्रुव, यशवंत ध्रुव एवं घनश्याम ध्रुव आदि सम्मिलित रहे। मुख्य अतिथि की आसंदी से समाज को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति ही आदिवासी परंपराओं से पूरित रही है। अपनी विशिष्ट जीवनशैली और विलक्षण परंपरा के कारण आदिवासी समुदाय की छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन देश विदेश में विशेष पहचान है। प्रकृति के रक्षक एवं उपासक के रूप में आदिवासी संस्कृति हमारी छत्तीसगढ़ की अनमोल धरोहर है जो प्रदेश की परंपरा को जीवंत बनाये रखने के लिए कृत संकल्पित होकर समर्पित हैं। इस दौरान मुख्य अतिथि ने प्रदेश के आदिवासी समुदाय के लोगों को प्रलोभन देकर मिशनरियों द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण पर चिंता जाहिर करते हुए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस धर्मांतरण को रोकने कड़े इंतजाम करने की आवश्यकता पर जोर दिया व कहा कि धर्मांतरण से हमारी सदियों की संस्कृति और परंपरा क्षीण होती जा रही जिसे बचाना हम सबका उत्तरदायित्व होना चाहिए।उन्होंने समाजजनों को बधाई देते हुए कहा कि आदिवासी समुदाय विश्व की एकमात्र ऐसा समुदाय है जिसको संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आदिवासी दिवस मनाने के लिए 9 अगस्त के दिन घोषित किया गया है यह समाज के लिए गौरव की बात है। अब आवश्यकता है तो हमारे आने वाली संततियों को दुर्व्यसन को त्यागकर समाज के विकास के लिए शिक्षा और रोजगार पर ध्यान केंद्रित करने की है।कार्यक्रम के उपरांत समाजिक लोगों के साथ समस्त अतिथियों ने वृक्षारोपण कर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया। इस अवसर पर रामता ध्रुव, कोमल साहू,लिकेश्वर साहू,हेमलाल ध्रुव,दुखराम ध्रुव,आशाराम ध्रुव, लखन लाल ध्रुव, गोविंद ध्रुव सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग व ग्रामवासी मौजूद रहे।
तामेश्वर साहू , प्रधान संपादक