नेटवर्क की समस्या से परेशान, देखिए पूरी खबर
आज केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया की बात कर रही है, जिसके तहत हर गांव को इंटरनेट नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ना है। लेकिन असल मायने में यह केवल भाषणों और बातों तक सिमट कर रह गई है, क्योंकि आज भी बहुत से क्षेत्र नेटवर्क-इंटरनेट की सुविधा से वंचित है। इन्ही सुविधाओं से वंचित छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के विकासखंड फिंगेश्वर के अंतर्गत आने वाले गांव खुटेरी,बरूला,खुड़ियाडिह,बिजली एवं निकटवर्ती गांव हैं, जहां के लोग आज 4G नेटवर्क के दौर में 2G नेटवर्क के लिए वंचित हैं यहां के लोगों का कहना है कि उन्हें नॉर्मल कॉलिंग के लिए घरों से बाहर निकलकर खुले जगहों में या ऊंची छत में जाकर कॉलिंग करना पड़ता है, और इंटरनेट सुविधा तो बहुत दूर की बात है, किन्ही विशेष स्थाई स्थानों पर ही इंटरनेट कनेक्ट हो पाता है। लोगों का कहना है कि महंगे-से-महंगे मोबाईल उनके पास होने के बावजूद, नेटवर्क कवरेज पुअर क्वालिटी के होने के कारण महंगी मोबाइल कोई काम के साबित नहीं हो रही है।
नेटवर्क समस्या की शिकायत जब वे टेलीकॉम सर्विस सेंटर में करते हैं तो टेलीकॉम सर्विस सेंटर वाले बस इतना कह देते हैं कि "आपके क्षेत्र में बहुत अधिक यूजर होने के कारण नेटवर्क की समस्या उत्पन्न हो रही है जिसे ठीक करने के लिए हमारे द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है" कहकर आश्वस्त करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कई वर्ष-माह बीत जाने के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया। ऐसी शिकायतें ग्राहकों द्वारा कई बार की जा चुकी है लेकिन उसका समाधान कभी नहीं हो पाया। वहीं ग्रामीणों का यह भी कहना है की पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने 2 वर्ष पूर्व अपने कार्यकाल के दौरान हर गांव को संचार क्रांति योजना के तहत हर महाविद्यालय और ग्राम पंचायतों में एंड्राइड मोबाइल का वितरण करा दिया गया लेकिन मोबाइल को चलाने के लिए जो महत्वपूर्ण चीज "नेटवर्क" की आवश्यकता होती है वही उपलब्ध नहीं कराए।
जिस पर लोगों का कहना है कि बिना नेटवर्क के एंड्राइड मोबाइल रखना जैसे -"बिना पेट्रोल की बाइक रखने के बराबर" वाली बात साबित हुई।
लेकिन लोगों का कहना यह है कि पिछले सरकार का कार्यकाल जैसा भी रहा हो, अब इस समस्या पर वर्तमान सरकार को इस पर अच्छे से ध्यान देना चाहिए। अभी कोरोना काल के चलते शिक्षण संस्थान बंद हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई से लेकर एग्जाम जैसे सारे काम ऑनलाइन होने के निर्देश सरकार द्वारा दिए गए हैं, लेकिन नेटवर्क इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के कारण इस अंचल के बच्चे "पढ़ननननंई तुंहर द्वार" ऑनलाइन क्लास में जुड़ने से वंचित है, और हाल ही में महाविद्यालय की एग्जाम भी शुरू होने वाली है, लेकिन इस क्षेत्र में नेटवर्क इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं होने के कारण बच्चे चिंतित हैं कि एग्जाम के क्वेश्चन और आंसर शीट ऑनलाइन ही आदान-प्रदान करना है, लेकिन पालकों और बच्चों को डर है की ऐन वक्त में यदि उन्हें इंटरनेट नेटवर्क कनेक्टिविटी सुचारू रूप से नहीं मिल पाया तब उनके एग्जाम का क्या होगा।
अब इसमें एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि एग्जाम के समय बच्चों को निश्चिंत होकर एग्जाम दिलाना चाहिए उस समय उन्हें इंटरनेट कनेक्टिविटी की चिंता सताई जा रही है जिससे उन पर मानसिक दबाव भी बन रहा है।
लेकिन शासन-प्रशासन को इस महत्वपूर्ण विषय की कोई चिंता नहीं है।
उनके द्वारा यह फरमान तो जारी कर दिया गया कि "ऑनलाइन पढ़ाई और ऑनलाइन एग्जाम" लिया जाए, लेकिन यह नहीं देखा गया कि उन तक ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध है या नहीं।
इन सभी समस्याओं को लेकर क्षेत्र की जनता की यही मांगे हैं की शासन प्रशासन द्वारा जल्द-से-जल्द इस पर कार्यवाही करें और टेलीकॉम कंपनीयों को
टावर लगाने के निर्देश देवें।
प्रधान संपादक
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तामेश्वर साहू ,9754502151