बस्तर के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकार को दी गई श्रद्धांजलि
राजिम - बीजापुर (बस्तर) के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना को लेकर चौतरफा विरोध देखा जा रहा है यह घटना पत्रकारों के लिए स्तब्ध करने वाली एवं बेहद दुखद घटना है। छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में पत्रकारिता हमेशा से चुनौतियों से भरी हुई है। लेकिन ताज़ा घटना ने बता दिया है कि एक भ्रष्ट व्यवस्था के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की क़ीमत जान दे कर चुकानी होती है। वहीं राजिम नगर के सुंदरलाल शर्मा चौक में पत्रकारों ने दो मिनट का मौन रखकर मुकेश को श्रद्धांजलि दी। वहीं घटना को लेकर आक्रोश भी जताया है।
वरिष्ठ पत्रकार श्यामकिशोर शर्मा ने पत्रकार मुकेश के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने मांग की है। साथ ही पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपए मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने छग सरकार से मांग की गई। मांग पूरी नहीं होने पर बस्तर के पत्रकारों के साथ मिलकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने संघर्ष करने की बात कही।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर को दिया जाए शहीद का दर्जा
पत्रकारों ने कहा की उनके परिवार को 1 करोड़ की आर्थिक सहायता एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाए।वही केंद्र एवं राज्य सरकार से मांग किया गया कि बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी हो,।घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारो को आये दिन झूठे मामले में फसाना,, मारपीट करना।ऐसे उत्पीड़न से पत्रकारों को गुजरना पड़ता है।
पत्रकारिता पर बढ़ता खतरा...
पत्रकार शेखइमरान ने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, पत्रकारिता, आज गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
समाज और सरकार की जिम्मेदारी....
पत्रकार भोला साहू ने कहा कि मुकेश चंद्राकर की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है, यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है। पत्रकार सिर्फ खबरें नहीं लिखते, वे समाज के सवालों को आवाज देते हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल सरकार का दायित्व है, बल्कि समाज का भी नैतिक कर्तव्य है।
कैंडल मार्च में प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़िया, श्यामकिशोर शर्मा, रमेश चौधरी, मनीष जैन, कामेश्वर गोस्वामी, संतोष सोनकर, रमेश टंडन, विनोद जैन, नीरज शर्मा, सोमा शर्मा,प्रवीण देवांगन, तुकाराम कंसारी, नागेंद्र निषाद,आलोक पहाड़िया,शेख ईमरान ,जितेन्द्र सिन्हा, श्रीकांत साहू,युवराज साहू, बिशेषर हिरवानी,उरेंद्र साहू, भोला साहू, तामेश्वर कुमार साहू, थानेश्वर बंजारे,देवप्रसाद बघेल, प्रवीण साहू, नेहरू राम साहू,मनीष दुबे, किरण साहू,रमेश सोनसायटी सहित अन्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे.